श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 10: देवताओं तथा असुरों के बीच युद्ध  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  8.10.39 
 
 
शिरोभिरुद्धूतकिरीटकुण्डलै:
संरम्भद‍ृग्भि: परिदष्टदच्छदै: ।
महाभुजै: साभरणै: सहायुधै:
सा प्रास्तृता भू: करभोरुभिर्बभौ ॥ ३९ ॥
 
अनुवाद
 
  युद्ध के मैदान में सिरों और अंगों से लदी हुई लाशें बिछी हुई थीं। युद्ध के दौरान युद्धभूमि वीरों के कटे सिरों से पट गई। अगिन के हमले से इन सिरों को क्षत-विक्षत कर दिया। उनकी आँखें अभी भी घूर रही थीं और क्रोध से उनके दाँत उनके होठों से लगे हुए थे। इन छिन्न सिरों के मुकुट तथा कुण्डल इस युद्धभूमि में बिखर गए थे। इसी तरह आभूषणों से सज्जित तथा विविध हथियार पकड़े हुईं अनेक भुजाएँ इधर- उधर बिखरी पड़ी थीं और हाथी की सूँडों जैसे अनेक टांगे तथा जाँघें भी इसी तरह बिखरी हुई थीं।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.