श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 10: देवताओं तथा असुरों के बीच युद्ध  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  8.10.27 
 
 
तेऽन्योन्यमभिसंसृत्य क्षिपन्तो मर्मभिर्मिथ: ।
आह्वयन्तो विशन्तोऽग्रे युयुधुर्द्वन्द्वयोधिन: ॥ २७ ॥
 
अनुवाद
 
  देवता और दानव आमने-सामने आ गए, तीखे एवं अपमानजनक शब्दों द्वारा एक दूसरे को धिक्कारने लगे। फिर वह पास आकर, जोड़ों में आमने-सामने लड़ाई करने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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