श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 10: देवताओं तथा असुरों के बीच युद्ध  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  8.10.26 
 
 
तस्यासन्सर्वतो देवा नानावाहध्वजायुधा: ।
लोकपाला: सहगणैर्वाय्वग्निवरुणादय: ॥ २६ ॥
 
अनुवाद
 
  स्वर्ग के राजा इन्द्र के चारों ओर देवताओं का जमघट था। वे विभिन्न प्रकार के वाहनों पर सवार थे और झंडों व हथियारों से सुसज्जित थे। उपस्थित देवताओं में वायु, अग्नि, वरुण और अन्य विभिन्न लोकों के शासक थे, उनके साथ उनके सहयोगी भी थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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