तस्यासन्सर्वतो देवा नानावाहध्वजायुधा: ।
लोकपाला: सहगणैर्वाय्वग्निवरुणादय: ॥ २६ ॥
अनुवाद
स्वर्ग के राजा इन्द्र के चारों ओर देवताओं का जमघट था। वे विभिन्न प्रकार के वाहनों पर सवार थे और झंडों व हथियारों से सुसज्जित थे। उपस्थित देवताओं में वायु, अग्नि, वरुण और अन्य विभिन्न लोकों के शासक थे, उनके साथ उनके सहयोगी भी थे।