आकूत्यां देवहूत्यां च दुहित्रोस्तस्य वै मनो: ।
धर्मज्ञानोपदेशार्थं भगवान्पुत्रतां गत: ॥ ५ ॥
अनुवाद
स्वायंभुव मनु की दो पुत्रियाँ थीं—आकूति और देवहूति। उनके पेट से भगवान् दो पुत्रों के रूप में प्रकट हुए जिनके नाम क्रमश: यज्ञमूर्ति और कपिल थे। इन पुत्रों को धर्म और ज्ञान का प्रचार करने का कार्यभार सौंपा गया।