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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 1: ब्रह्माण्ड के प्रशासक मनु
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श्लोक 19
श्लोक
8.1.19
स्वारोचिषो द्वितीयस्तु मनुरग्ने: सुतोऽभवत् ।
द्युमत्सुषेणरोचिष्मत्प्रमुखास्तस्य चात्मजा: ॥ १९ ॥
अनुवाद
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अग्नि का पुत्र स्वारोचिष दूसरा मनु हुआ। उसके अनेक पुत्रों में से द्युमत, सुषेण तथा रोचिष्मत् प्रमुख थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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