हे परमेश्वर, आप वायु, भूमि, अग्नि, आकाश एवं जल के रूप में विद्यमान हैं। आप तन्मात्राएँ, प्राणवायु, पाँचों इन्द्रियाँ, मन, चेतना तथा मिथ्या अहंकार हैं। वास्तव में, आप सूक्ष्म और स्थूल रूपी समस्त वस्तुएँ हैं। भौतिक तत्त्व और शब्दों या मन से व्यक्त प्रत्येक वस्तु आपके अतिरिक्त कुछ नहीं है।