तस्मादहं विगतविक्लव ईश्वरस्य
सर्वात्मना महि गृणामि यथा मनीषम् ।
नीचोऽजया गुणविसर्गमनुप्रविष्ट:
पूयेत येन हि पुमाननुवर्णितेन ॥ १२ ॥
अनुवाद
इसलिए, भले ही मैं राक्षसों के परिवार में पैदा हुआ हूँ, मैं निस्संदेह, जहाँ तक मेरी बुद्धि जाती है, भगवान् से पूरी लगन और प्रयास से प्रार्थना करूँगा। जो कोई भी व्यक्ति अज्ञान के कारण इस भौतिक दुनिया में प्रवेश करने के लिए बाध्य हुआ है, वह भौतिक जीवन को शुद्ध कर सकता है यदि वह भगवान् से प्रार्थना करे और उनके यश का श्रवण करे।