श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 9: प्रह्लाद द्वारा नृसिंह देव का प्रार्थनाओं से शान्त किया जाना  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  7.9.1 
 
 
श्रीनारद उवाच
एवं सुरादय: सर्वे ब्रह्मरुद्रपुर: सरा: ।
नोपैतुमशकन्मन्युसंरम्भं सुदुरासदम् ॥ १ ॥
 
अनुवाद
 
  महात्मा नारद मुनि ने आगे कहा: ब्रह्मा, शिव इत्यादि अन्य बड़े-बड़े देवताओं का साहस न हुआ कि वे उस समय भगवान के समक्ष जाएँ, क्योंकि तब वे अत्यधिक क्रोधित थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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