श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 8: भगवान् नृसिंह द्वारा असुरराज का वध  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  7.8.6 
 
 
क्रुद्धस्य यस्य कम्पन्ते त्रयो लोका: सहेश्वरा: ।
तस्य मेऽभीतवन्मूढ शासनं किं बलोऽत्यगा: ॥ ६ ॥
 
अनुवाद
 
  प्रह्लाद, तू है मेरे दुष्ट पुत्र! जब क्रोधित होता हूँ तो तीनों लोक एवं उनके स्वामी भी भयभीत हो जाते हैं, ये तू भली-भाँति जानता है। तो फिर किस शक्ति के बल पर तू इतना दुष्ट हो गया है कि निर्भयता दिखाते हुए तू मेरे शासन के नियमों का उल्लंघन कर रहा है?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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