राजन् युधिष्ठिर जी, तब देवतागण भगवान् के निकट आ गए। उनमें ब्रह्मा जी, इन्द्र जी और शिव जी प्रमुख थे। साथ ही बड़े-बड़े साधु-संत और पितृलोक, सिद्धलोक, विद्याधर लोक और नागलोक के निवासी भी थे। वहीं सभी मनु और अन्य लोकों के प्रजापति भी आ गए। अप्सराओं के साथ-साथ गंधर्व, चारण, यक्ष, किन्नर, बेताल, किम्पुरुष लोक के वासी और विष्णु जी के पार्षद सुनंद और कुमुद आदि भी आ गए। ये सभी भगवान् के निकट आए जो अपने तेज प्रकाश से चमक रहे थे। इन सबों ने अपने सिरों पर हाथ रखकर नमस्कार किया और स्तुतियाँ कीं।