अनेक भुजाओं वाले भगवान ने पहले हिरण्यकशिपु के सीने में घुसाए गए अपने नाखूनों से उसका ह्रदय निकाला और उसे एक ओर फेंक दिया। अब उन्होंने शेष असुर सैनिकों की ओर रुख किया। हजारों की तादाद में आए इन सैनिकों के हाथों में हथियार थे और वे हिरण्यकशिपु के बहुत निष्ठावान थे। किंतु भगवान नृसिंहदेव ने अपने नाखूनों की नोक से ही उन सबको मौत के घाट उतार दिया।