श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 8: भगवान् नृसिंह द्वारा असुरराज का वध  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  7.8.24 
 
 
अलक्षितोऽग्नौ पतित: पतङ्गमो
यथा नृसिंहौजसि सोऽसुरस्तदा ।
न तद्विचित्रं खलु सत्त्वधामनि
स्वतेजसा यो नु पुरापिबत् तम: ॥ २४ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान ने नृसिंह का रूप धारण किया और हिरण्यकशिपु को अपनी गोद में ले लिया। हिरण्यकशिपु उनसे बचने के लिए इधर-उधर भागता रहा, लेकिन भगवान हर जगह उसका पीछा करते रहे। अंत में, भगवान ने हिरण्यकशिपु को अपने नाखूनों से फाड़कर मार डाला।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.