ये सभी साज-सामान शरीर के अस्तित्व तक ही प्रिय लगते हैं, पर जैसे ही शरीर नष्ट हो जाता है, शरीर से जुड़ी ये सभी चीजें भी समाप्त हो जाती हैं। इसलिए, वास्तव में किसी को इनसे कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन अज्ञानतावश ही लोग इन्हें मूल्यवान मान बैठते हैं। शाश्वत सुख के महासागर की तुलना में ये सभी चीजें बेहद नगण्य हैं। शाश्वत जीव के लिए ऐसे नगण्य रिश्तों से क्या फायदा?