श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 7: प्रह्लाद ने गर्भ में क्या सीखा  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  7.7.12 
 
 
ततो मे मातरमृषि: समानीय निजाश्रमे ।
आश्वास्येहोष्यतां वत्से यावत्ते भर्तुरागम: ॥ १२ ॥
 
अनुवाद
 
  प्रह्लाद महाराज ने आगे कहा: परम संत नारद मुनि मेरी माता को अपने आश्रम ले गए और उन्होंने हर प्रकार से सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा, "मेरी बेटी, तुम मेरे आश्रम में ही रहना जब तक तुम्हारे पति वापस न आ जाएं।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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