वत्स प्रह्राद भद्रं ते सत्यं कथय मा मृषा ।
बालानति कुतस्तुभ्यमेष बुद्धिविपर्यय: ॥ ९ ॥
अनुवाद
हे पुत्र प्रह्लाद, तुम्हें शांति और शुभकामनाएँ। कृपया झूठ मत बोलो; सच्चाई का उत्तर दो। ये लड़के जिन्हें तुम देख रहे हो, तुम्हारे जैसे नहीं हैं, क्योंकि वे बुरा नहीं बोलते। तुमने ये शिक्षा कहाँ से सीखी? तुम्हारी बुद्धि इस तरह कैसे खराब हो गई?