यद्यपि जड़ी बूटी औषधीय होती है लेकिन जंगल में उत्पन्न होने के कारण वह मनुष्य की श्रेणी में नहीं आती, परंतु लाभप्रद होने पर उसकी बहुत ध्यानपूर्वक रक्षा की जाती है। उसी प्रकार, यदि कोई व्यक्ति परिवार से बाहर का हो और अनुकूल हो, तो उसे पुत्र के समान सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। दूसरी ओर, यदि किसी के शरीर का कोई अंग रोग से विषाक्त हो जाए, तो उसे काटकर अलग कर देना चाहिए ताकि बाकी शरीर सुखपूर्वक जीवित रहे। उसी प्रकार भले ही अपना पुत्र ही क्यों न हो, यदि वह प्रतिकूल है तो उसे त्याग देना चाहिए।