प्रह्लाद महाराज के अनगिनत दिव्य गुणों का वर्णन कौन कर सकता है? वासुदेव भगवान श्री कृष्ण (वसुदेव के पुत्र) में उनकी अविचल श्रद्धा एवं अनन्य भक्ति थी। भगवान कृष्ण के प्रति उनकी आसक्ति उनकी पूर्व भक्ति के कारण स्वाभाविक थी। यद्यपि उनके अच्छे गुणों की गणना नहीं की जा सकती है, लेकिन वे महात्मा थे यह सिद्ध होता है।