पाँच भौतिक तत्व, दस इन्द्रियाँ तथा मन मिलकर स्थूल और सूक्ष्म शरीरों के विभिन्न अंगों का निर्माण करते हैं। जीव इन भौतिक शरीरों के सम्पर्क में आता है, जो उच्च या निम्न श्रेणी का हो सकता है। बाद में अपनी शक्ति से इन शरीरों को छोड़ देता है। जीव की विभिन्न प्रकार के शरीर धारण करने की क्षमता उसकी निजी शक्ति है।