श्री यमराज ने कहा - ओह! यह कितना विस्मयकारी है! ये लोग जो मुझसे वय में बड़े हैं, उन्हें ये अनुभव है कि अनगिनत प्राणियों ने जन्म लिया और मृत्यु को प्राप्त हुए। इससे उन्हें समझना चाहिए कि उन्हें भी मृत्यु को स्वीकार करना पड़ेगा, पर वे फिर भी मोह-माया में फंसे रहते हैं। जीव प्रकृति के नियमों से बंधा हुआ एक अज्ञात स्थान से आता है एवं मृत्यु के बाद उसी अज्ञात स्थान को लौट जाता है। इस नियम का कोई अपवाद नहीं है, तो ये लोग यह जानते हुए भी बेकार ही विलाप क्यों करते हैं?