श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 2: असुरराज हिरण्यकशिपु  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  7.2.14 
 
 
पुरग्रामव्रजोद्यानक्षेत्रारामाश्रमाकरान् ।
खेटखर्वटघोषांश्च ददहु: पत्तनानि च ॥ १४ ॥
 
अनुवाद
 
  असुरों ने नगरों, गावों, चारागाहों, पशुशालाओं, उद्यानों, कृषि क्षेत्रों और प्राकृतिक जंगलों में आग लगा दी। उन्होंने संत महात्माओं के आश्रमों, कीमती धातुओं का उत्पादन करने वाली महत्वपूर्ण खानों, किसानों के रहने के क्वार्टर, पहाड़ी गांवों और गो रक्षकों, ग्वालों की बस्तियों को जला डाला। उन्होंने सरकारी राजधानियों को भी जला दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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