श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 2: असुरराज हिरण्यकशिपु  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  7.2.10 
 
 
तावद्यात भुवं यूयं ब्रह्मक्षत्रसमेधिताम् ।
सूदयध्वं तपोयज्ञस्वाध्यायव्रतदानिन: ॥ १० ॥
 
अनुवाद
 
  जब मैं भगवान विष्णु के मारने के काम में लगा हूँ तब तक तुम लोग पृथ्वी लोक में जाओ जहाँ ब्राह्मण संस्कृति और क्षत्रिय राज की वजह से बहार है। ये लोग तपस्या, यज्ञ, वेद पढ़ाई, नियंत्रित व्रत और दान करते हैं। इन्हें नष्ट करके आना।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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