श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 15: सुसंस्कृत मनुष्यों के लिए उपदेश  »  श्लोक 79
 
 
श्लोक  7.15.79 
 
 
कृष्णपार्थावुपामन्‍त्र्य पूजित: प्रययौ मुनि: ।
श्रुत्वा कृष्णं परं ब्रह्म पार्थ: परमविस्मित: ॥ ७९ ॥
 
अनुवाद
 
  नारद मुनि को कृष्ण और महाराज युधिष्ठिर द्वारा पूजे जाने के पश्चात्, उन्होंने उनसे विदा ली और चले गए। युधिष्ठिर महाराज, अपने ममेरे भाई कृष्ण को भगवान के रूप में सुनकर अत्यधिक विस्मित हुए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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