वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान
»
अध्याय 15: सुसंस्कृत मनुष्यों के लिए उपदेश
»
श्लोक 78
श्लोक
7.15.78
श्रीशुक उवाच
इति देवर्षिणा प्रोक्तं निशम्य भरतर्षभ: ।
पूजयामास सुप्रीत: कृष्णं च प्रेमविह्वल: ॥ ७८ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
श्री शुकदेव गोस्वामी ने कहा: भरत वंश के श्रेष्ठ युधिष्ठिर ने नारद मुनि के वर्णनों से सब कुछ जान लिया | इन उपदेशों को सुनकर उन्हें अपने हृदय में बहुत आनंद का अनुभव हुआ और बहुत प्रेम से उन्होंने भगवान कृष्ण की पूजा की।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.