श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 15: सुसंस्कृत मनुष्यों के लिए उपदेश  »  श्लोक 31
 
 
श्लोक  7.15.31 
 
 
देशे शुचौ समे राजन्संस्थाप्यासनमात्मन: ।
स्थिरं सुखं समं तस्मिन्नासीतर्ज्वङ्ग ओमिति ॥ ३१ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजन, योग सम्पन्न करने के लिए पावन तीर्थस्थान पर ही स्थान का चुनाव करना चाहिए। यह स्थान समतल हो, न अधिक ऊँचा और न ही बहुत नीचा। यहाँ बहुत ही आरामदेह स्थिति में स्थिर और समभाव से शरीर को सीधा रखकर वैदिक प्रणव का उच्चारण आरंभ करना चाहिए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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