आध्यात्मिक ज्ञान के बारे में बातचीत से शोक और मोह पर जीत हासिल की जा सकती है, एक महान भक्त की सेवा करने से अहंकार खत्म हो सकता है, चुप रहने से योग के रास्ते में आने वाली बाधाओं से बचा जा सकता है और इंद्रियों की तृप्ति को रोक देने से ही ईर्ष्या पर विजय पाई जा सकती है।