यस्य नारायणो देवो भगवान्हृद्गत: सदा ।
भक्त्या केवलयाज्ञानं धुनोति ध्वान्तमर्कवत् ॥ २२ ॥
अनुवाद
सब ऐश्वर्य से परिपूर्ण, भगवान् नारायण आपकी शुद्ध भक्ति के कारण आपके हृदय के केंद्र में सर्वोच्च हैं। वे अज्ञानता का अंधकार उसी तरह दूर करते हैं जैसे सूर्य ब्रह्मांड से अंधकार को मिटा देता है।