तपस्वी को बहुत मोटा देखकर प्रह्लाद महाराज ने कहा: श्रीमान, आप अपनी जीविका चलाने के लिए कोई भी काम नहीं करते, इसके बावजूद आपका स्वस्थ शरीर एक भोग-विलासी व्यक्ति के समान सुदृढ़ है। मुझे पता है कि यदि कोई बहुत धनाढ्य हो और उसे कुछ करना न हो, तो वो सिर्फ खाकर, सोकर और कोई काम न करके काफी मोटा अवश्य हो जाता है।