श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 13: सिद्ध पुरुष का आचरण  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  7.13.11 
 
 
अत्राप्युदाहरन्तीममितिहासं पुरातनम् ।
प्रह्रादस्य च संवादं मुनेराजगरस्य च ॥ ११ ॥
 
अनुवाद
 
  इतिहास के एक उदाहरण के रूप में, ज्ञानी साधु-संत प्रह्लाद महाराज और एक अजगर के समान भोजन करनेवाले महामुनि के बीच हुए प्राचीन संवाद की कहानी सुनाते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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