श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 12: पूर्ण समाज : चार आध्यात्मिक वर्ग  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  7.12.3 
 
 
छन्दांस्यधीयीत गुरोराहूतश्चेत् सुयन्त्रित: ।
उपक्रमेऽवसाने च चरणौ शिरसा नमेत् ॥ ३ ॥
 
अनुवाद
 
  गुरु के निर्देश पर विद्यार्थी को नियमित रूप से वैदिक मंत्रों का अध्ययन करना चाहिए और प्रतिदिन अध्ययन आरम्भ करने से पहले और अध्ययन पूरा करने के बाद गुरु को विनम्रतापूर्वक नमस्कार करना चाहिए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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