श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 11: पूर्ण समाज: चातुर्वर्ण  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  7.11.3 
 
 
भवान्प्रजापते: साक्षादात्मज: परमेष्ठिन: ।
सुतानां सम्मतो ब्रह्मंस्तपोयोगसमाधिभि: ॥ ३ ॥
 
अनुवाद
 
  हे श्रेष्ठ ब्राह्मण, आप स्वयं प्रजापति (ब्रह्मा) के पुत्र हैं। अपनी तपस्या, साधना और समाधि के कारण आप ब्रह्मा के समस्त पुत्रों में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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