यद्यपि भगवान् श्री कृष्ण मनुष्य के रूप में प्रकट हुए थे, पर उन्होंने अपनी शक्ति से बहुत असाधारण और अनोखे लीलाएँ कीं। उन महान संतों ने उनके कार्यों के बारे में जो भी कहा है, मैं उससे ज्यादा क्या कह सकता हूं? कोई भी व्यक्ति एक योग्य व्यक्ति से भगवान् के कार्यों को सुनकर ही शुद्ध हो सकता है।
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध सात के अंतर्गत दसवाँ अध्याय समाप्त होता है ।