स एष भगवान् राजन्व्यतनोद्विहतं यश: ।
पुरा रुद्रस्य देवस्य मयेनानन्तमायिना ॥ ५१ ॥
अनुवाद
हे राजन युधिष्ठिर, अतीत काल में मय नामक एक दानव था जो तकनीकी ज्ञान में बहुत ही कुशल था। उसने शिवजी के यश पर आघात किया। उस स्थिति में भगवान् श्रीकृष्ण ने शिवजी की रक्षा की थी।