यह कथा महान भक्त प्रह्लाद महाराज के गुणों, उनकी प्रबल भक्ति, उनके संपूर्ण ज्ञान और भौतिक अशुद्धियों से पूर्ण वैराग्य को दर्शाती है। यह सृजन, पालन और विनाश के मूल कारण भगवान का भी वर्णन करती है। प्रह्लाद महाराज ने अपनी प्रार्थनाओं में भगवान के दिव्य गुणों का वर्णन किया है और यह भी बताया है कि कैसे भगवान के एक निर्देश मात्र से देवताओं और राक्षसों के विभिन्न निवास, चाहे वे कितने भी भौतिक रूप से समृद्ध क्यों न हों, नष्ट हो जाते हैं।