वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान
»
अध्याय 10: भक्त शिरोमणि प्रह्लाद
»
श्लोक 32
श्लोक
7.10.32
तत: सम्पूज्य शिरसा ववन्दे परमेष्ठिनम् ।
भवं प्रजापतीन्देवान्प्रह्रादो भगवत्कला: ॥ ३२ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
तब प्रह्लाद महाराज ने भगवान के अंश रूप समस्त देवताओं, जैसे ब्रह्मा, शिव तथा प्रजापतियों की पूजा और स्तुति की।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.