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श्लोक 36
श्लोक
7.1.36
श्रीनारद उवाच
एकदा ब्रह्मण: पुत्रा विष्णुलोकं यदृच्छया ।
सनन्दनादयो जग्मुश्चरन्तो भुवनत्रयम् ॥ ३६ ॥
अनुवाद
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परम साधु नारद ने कहा- एक बार ब्रह्मा के चार पुत्र जो सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार कहलाते हैं, वे तीनों लोकों का भ्रमण करते हुए संयोगवश विष्णुलोक में आ पहुँचे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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