कई-कई व्यक्तियों ने मात्र कृष्ण के बारे में बहुत ध्यान लगाकर चिंतन करने और पापकर्मों को त्याग कर मुक्ति प्राप्त की है। यह ध्यान कामुक इच्छाओं, वैर भावनाओं, भय, स्नेह या भक्ति भाव के कारण हो सकता है। अब मैं यह समझाऊँगा कि मनुष्य किस प्रकार से अपने मन को भगवान में एकाग्र करके कृष्ण की कृपा प्राप्त करता है।