श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 7: भगवद्-विज्ञान  »  अध्याय 1: समदर्शी भगवान्  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  7.1.22 
 
 
श्रीबादरायणिरुवाच
राज्ञस्तद्वच आकर्ण्य नारदो भगवानृषि: ।
तुष्ट: प्राह तमाभाष्य श‍ृण्वत्यास्तत्सद: कथा: ॥ २२ ॥
 
अनुवाद
 
  श्री शुकदेव गोस्वामी ने कहा: महाराज युधिष्ठिर के अनुरोध को सुनकर, अत्यन्त शक्तिशाली गुरु नारद मुनि अत्यन्त प्रसन्न हुए, क्योंकि वे हर बात को जानने वाले हैं। उन्होंने यज्ञ में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों की उपस्थिति में उत्तर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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