एतद्भ्राम्यति मे बुद्धिर्दीपार्चिरिव वायुना ।
ब्रूह्येतदद्भुततमं भगवान्ह्यत्र कारणम् ॥ २१ ॥
अनुवाद
यह विषय बेशक अद्भुत है। मेरी बुद्धि हिल गई है, जैसे तेज हवा चलने से दीपक की लौ हिल जाती है। हे नारद मुनि, आप सब कुछ जानते हैं। कृपया मुझे इस अद्भुत घटना का कारण बताएं।