हे माता, हे सर्वश्रेष्ठ महिला! मैं मूर्ख हूँ। मैंने जो भी अपराध किए हैं, उसके लिए आप मुझे क्षमा करें। आपके उनचासों पुत्र आपकी भक्ति के कारण ही बिना किसी नुकसान के पैदा हुए हैं। मैंने दुश्मन होने के नाते उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर दिया था, लेकिन आपकी महान भक्ति के कारण वे नहीं मरे।