श्री शुकदेव गोस्वामी ने आगे कहा—इस प्रकार चित्रकेतु को उपदेश देकर और उसे सिद्धि का आश्वासन देकर जगद्गुरु, परमात्मा, भगवान् संकर्षण, चित्रकेतु के देखते-देखते ही उस स्थान से अंतर्धान हो गए।
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध छह के अंतर्गत सोलहवाँ अध्याय समाप्त होता है ।