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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 6: मनुष्य के लिए विहित कार्य
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अध्याय 14: राजा चित्रकेतु का शोक
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श्लोक 60
श्लोक
6.14.60
तयोर्विलपतो: सर्वे दम्पत्योस्तदनुव्रता: ।
रुरुदु: स्म नरा नार्य: सर्वमासीदचेतनम् ॥ ६० ॥
अनुवाद
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राजा और रानी को विलाप करते देख उनके समस्त अनुयायी, चाहे वे महिला हों या पुरुष, सभी रोने लगे। राज्य के सभी नागरिक इस अचानक घटित हुई घटना से लगभग बेहोश हो गये।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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