राजा के मरने के कारण रानी के सिर से महकता हुआ फूलों का ताज गिर पड़ा और उसकी लटें खुल गईं। आँखों से बहने वाले आँसुओं ने आँखों में लगा काजल धो डाला और उसकी कुमकुम लगी हुई छाती को भीगो दिया। पुत्र के विरह में विलाप करती हुई रानी का जोर-जोर से रोना कुररी पक्षी की मीठी बोली की तरह लग रहा था।