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श्रीमद् भागवतम
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अध्याय 14: राजा चित्रकेतु का शोक
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श्लोक 48
श्लोक
6.14.48
पपात भूमौ परिवृद्धया शुचा
मुमोह विभ्रष्टशिरोरुहाम्बरा ॥ ४८ ॥
अनुवाद
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अत्यधिक शोक के मारे बाल बिखरे और वस्त्र अव्यवस्थित हो जाने के कारण रानी विलाप करते हुए ज़मीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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