श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा  »  अध्याय 19: जम्बूद्वीप का वर्णन  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  5.19.1 
श्रीशुक उवाच
किम्पुरुषे वर्षे भगवन्तमादिपुरुषं लक्ष्मणाग्रजं सीताभिरामं रामं तच्चरणसन्निकर्षाभिरत: परमभागवतो हनुमान् सह किम्पुरुषैरविरतभक्तिरुपास्ते ॥ १ ॥
 
 
अनुवाद
श्रीशुकदेव गोस्वामी ने कहा, राजन, किम्पुरुष वार्ष में महान भक्त हनुमान, वहाँ के निवासियों सहित, लक्ष्मण के बड़े भाई तथा सीतादेवी के पति भगवान रामचंद्र की सेवा में हमेशा तत्पर रहते हैं।
 
श्रीशुकदेव गोस्वामी ने कहा, राजन, किम्पुरुष वार्ष में महान भक्त हनुमान, वहाँ के निवासियों सहित, लक्ष्मण के बड़े भाई तथा सीतादेवी के पति भगवान रामचंद्र की सेवा में हमेशा तत्पर रहते हैं।
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.