वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा
»
स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा
अध्याय 1: महाराज प्रियव्रत का चरित्र
अध्याय 2: महाराज आग्नीध्र का चरित्र
अध्याय 3: राजा नाभि की पत्नी मेरुदेवी के गर्भ से ऋषभदेव का जन्म
अध्याय 4: भगवान् ऋषभदेव के लक्षण
अध्याय 5: भगवान् ऋषभदेव द्वारा अपने पुत्रों को उपदेश
अध्याय 6: भगवान् ऋषभदेव के कार्यकलाप
अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप
अध्याय 8: भरत महाराज के चरित्र का वर्णन
अध्याय 9: जड़ भरत का सर्वोत्कृष्ट चरित्र
अध्याय 10: जड़ भरत तथा महाराज रहूगण की वार्ता
अध्याय 11: जड़ भरत द्वारा राजा रहूगण को शिक्षा
अध्याय 12: महाराज रहूगण तथा जड़ भरत की वार्ता
अध्याय 13: राजा रहूगण तथा जड़ भरत के बीच और आगे वार्ता
अध्याय 14: भौतिक संसार भोग का एक विकट वन
अध्याय 15: राजा प्रियव्रत के वंशजों का यश-वर्णन
अध्याय 16: जम्बूद्वीप का वर्णन
अध्याय 17: गंगा-अवतरण
अध्याय 18: जम्बूद्वीप के निवासियों द्वारा भगवान् की स्तुति
अध्याय 19: जम्बूद्वीप का वर्णन
अध्याय 20: ब्रह्माण्ड रचना का विश्लेषण
अध्याय 21: सूर्य की गतियों का वर्णन
अध्याय 22: ग्रहों की कक्ष्याएँ
अध्याय 23: शिशुमार ग्रह-मण्डल
अध्याय 24: नीचे के स्वर्गीय लोकों का वर्णन
अध्याय 25: भगवान् अनन्त की महिमा
अध्याय 26: नारकीय लोकों का वर्णन
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.