अब मैं भगवान के चरण कमल की सेवा में लीन रहना चाहता हूँ और कमल धारिणी लक्ष्मी जी की तरह उनकी सेवा करना चाहता हूँ, क्योंकि भगवान सभी श्रेष्ठ गुणों के भंडार हैं| मुझे भय है कि लक्ष्मी जी और मेरे बीच झगड़ा हो जाएगा क्यूंकि हम दोनों ही उनकी सेवा में समान रूप से लगे रहेंगे|