सुनीथाङ्गस्य या पत्नी सुषुवे वेनमुल्बणम् ।
यद्दौ:शील्यात्स राजर्षिर्निर्विण्णो निरगात्पुरात् ॥ १८ ॥
अनुवाद
अंग की पत्नी सुनीथा ने वेन नाम के एक पुत्र को जन्म दिया, जो बहुत ही कुटिल था। साधु स्वभाव के राजा अंग वेन के दुराचरण से निराश होकर घर-गृहस्थी और राजपाट छोड़कर जंगल में चले गए।