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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 3: यथास्थिति
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अध्याय 7: विदुर द्वारा अन्य प्रश्न
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श्लोक 21
श्लोक
3.7.21
सृष्ट्वाग्रे महदादीनि सविकाराण्यनुक्रमात् ।
तेभ्यो विराजमुद्धृत्य तमनु प्राविशद्विभु: ॥ २१ ॥
अनुवाद
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सम्पूर्ण भौतिक ऊर्जा का सृजन अर्थात् महत्तत्व और उसके बाद इन्द्रियों और इन्द्रिय की वस्तुओं के साथ विशाल ब्रह्मांडीय रूप का प्रकटीकरण करने के पश्चात परमेश्वर उस ब्रह्मांड में प्रवेश कर गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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