भगवान के चरणकमल ही सारे पवित्र स्थानों की शरण हैं। पवित्र मनवाले महान ऋषि-मुनि वेदों की पंखों पर सवार होकर सदा आपके कमल जैसे मुखरूपी घोंसले को खोजना करते हैं। उनमें से कुछ सर्वश्रेष्ठ नदी (गंगा) के सहारे आपके चरणकमलों का आश्रय लेते हैं, जो मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति दिला सकता है।