मातुर्जग्धान्नपानाद्यैरेधद्धातुरसम्मते ।
शेते विण्मूत्रयोर्गर्ते स जन्तुर्जन्तुसम्भवे ॥ ५ ॥
अनुवाद
माँ के द्वारा ग्रहण किए गए खाने और पानी से पोषण पाकर भ्रूण बढ़ता है और मल-मूत्र के गंदे स्थान, जो सभी प्रकार के कीटाणुओं को पनपने का स्थान है, में पलता है।